वो पराया हो गया...
वो पराया हो गया...
इंसान दुनिया में आता है क्यों,
मोह माया में उलझ जाता है क्यों,
क्या पैसा ही सब कुछ हो गया,
सब के लिए वह पराया हो गया !
इंसानियत के नाम पर कर रहे दिखावा,
अंदर दे गाली बाहर करे है वाह वाह,
क्या जमाना ही ऐसा हो गया,
सब के लिए वह पराया हो गया !
पैसा कमाने की लगी है लगन,
हर मोड़ पर बन गया है दुश्मन,
पैसे के चक्कर में घर में देर से आते हैं,
बीवी और बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं !
लगता है जैसे जैसे वह पैसे में ही खो गया,
सबके लिए वह पराया हो गया,
अफ़सर को देखकर करते हैं जी हुजूरी,
प्रमोशन की चाह में जिंदगी दिखे अधूरी !
उपहार का ढेर अफ़सर के घर ही में लगाये,
कभी ना कभी प्रमोशन हो जाए,
अफ़सर की चमचागिरी में वह दीवाना हो गया,
सब के लिए वह पराया हो गया !
हर जरूरत के लिए पैसा है जरूरी,
फ़ीस भरनी हो या खरीदनी हो तंदूरी,
जिंदगी का हर क्षण पैसा कमाने में खो गया,
सबके लिए वह पराया हो गया !