अलविदा दो हजार बीस
अलविदा दो हजार बीस
तेरे जाने कि मन में
है ना कोई टीस
सबक जिंदगी का सिखा दिया
ऐ दो हजार बीस
बहुतों के टूटे जो सपने
कितने रूठ गए उनसे अपने
तुम नए साल में लेकर आना
नई उम्मीदें नए सपने
डर पीड़ा से साल
बन गया काल
कितनों के लिए ही
समय बना विकराल
इस समय जो बने हालात
लोग करेंगें सदियों तक बात
पता नहीं कब तक रहेंगे ये हालात
नए साल तुम लाना नई सौगात
मुसीबत में पड़ी दुनिया सारी
समय रहा दुनिया पर भारी
मास्क सैनिटाइजर बने प्रहरी हमारी
इस्तेमाल कर रही दुनिया सारी
लोग हुए अपनों से दूर
घर पर रहनें को मजबूर
इस साल ने कराया सबकुछ बंद
लोग घरों में नज़रबंद
कई शिकवों शिकायतों से
भरा रहा यह साल
कई दर्द व मुश्किलें
दे गया यह साल
इतिहास बन याद रहेगा
गुजरा समय किस्सों में रहेगा
थमता नहीं कोई भी लम्हा
गुजर जाता है हर लम्हा
गली- गली में सन्नाटा पसरा
अपनों के संग दिन गुजरा
हर इंसान हैं घर पर ठहरा
चारों ओर पुलिस का पहरा
ऐ जाते हुए साल
मन की कड़वाहट ले जाना
सबके दिल में प्रेम खुशी की
सौगात तुम दे जाना
हैं इतनी सी इल्तज़ा
अब ना दो और कोई सजा
खत्म हो यह सिलसिला
सबने बहुत है झेला
नया साल लेकर आए खुशहाली
यही करते हैं कामना
फिर ना ऐसा दौर हो
ईश्वर से है ये प्रार्थना
सबके लिए दिल से
बस है यही शुभकामना
तुमने बहुत कुछ सिखाया सीख
अलविदा ऐ दो हजार बीस