दिल के जज़्बात
दिल के जज़्बात
उसे चाहा हमने वैसे ही जैसे
पापा थे मेरे सुपर हीरो
उसको भी समझ लिया हमने वैसा
हर पल हर ज़िद पापा पूरी करते थे
इसी लिए इसने दे दिया नाम हमको
ज़िद्दी दोस्त का
भूल थी हमारी पापा की जगह कोई
नही ले सकता
प्यार प्यार रहता है और पिता का प्यार
पिता का प्यार
पापा का प्यार कभी भूल नही पाए
उनसे कभी लड़ते नही थे
और अपने प्यार से लड़ते भी थे मनाते भी थे
फिर भी जाने क्यों जाने हम जुदा हो गए
बहुत सी बातें रह गईं अनकही
जाने क्यों ये जमाना दुश्मन बन जाता है
हम मिल ही नही पाते एक दूजे से
या मिलकर भी जुदा हो जाते है
मेरे दिल के जज्बात दिल मे ही रह जाते है
जमाना तो जमाना अपने भी सर पर तलवार लिए खड़े है
दोष हम किसको दे रब्बा ये कैसी तकदीर लिखी
प्यार तो डाला झोली में फिर भी झोली खाली रखी ।।।।।