सब कुछ पाकर भी मन में टीस थी लेखक न बनने की । सब कुछ पाकर भी मन में टीस थी लेखक न बनने की ।
जब मेरा झूठ नही पकड़ पाते तो, जेब से चुराए पैसे की चोरी कैसे पकड़ पाएंगे। जब मेरा झूठ नही पकड़ पाते तो, जेब से चुराए पैसे की चोरी कैसे पकड़ पाएंगे।
जिसके छाया में वो मानव खड़ा होकर व्यंग कर रहा था जिसके छाया में वो मानव खड़ा होकर व्यंग कर रहा था
किसी का हँसी माजक भी सीमित और सम्मान के दायरे में ही रह कर करना चाहिए। किसी का हँसी माजक भी सीमित और सम्मान के दायरे में ही रह कर करना चाहिए।
"अबे कुछ तो ध्यान रख, कुत्ता है तू इंसान नहीं।" "अबे कुछ तो ध्यान रख, कुत्ता है तू इंसान नहीं।"
उस दिन के बाद बबला का हाथ कभी भी पैंट के अंदर नहीं गया। उस दिन के बाद बबला का हाथ कभी भी पैंट के अंदर नहीं गया।