"मुझे रोटी-पराठे की खुशबू ही पसंद है।" सोनी मासूमियत से बोली। "मुझे रोटी-पराठे की खुशबू ही पसंद है।" सोनी मासूमियत से बोली।
मैं अब इसका पालन करूंगी। मेरी मम्मी जी कितनी अच्छी व समझदार हैं। मैं अब इसका पालन करूंगी। मेरी मम्मी जी कितनी अच्छी व समझदार हैं।
कुछ काम के सिलसिले में दो दिनों के लिए नीता अपने पुराने शहर आई थी। कुछ काम के सिलसिले में दो दिनों के लिए नीता अपने पुराने शहर आई थी।
"माते जिस प्रकार आपने एक प्यासे को पानी पिलाकर बड़ा ही पुण्य का काम किया है। "माते जिस प्रकार आपने एक प्यासे को पानी पिलाकर बड़ा ही पुण्य का काम किया है।
हम जैसे गरीब के लिए ये रोटी ही हमारा रोज खाना है।आप यहां खाना खाने के लिए आते हैं। हम जैसे गरीब के लिए ये रोटी ही हमारा रोज खाना है।आप यहां खाना खाने के लिए आते है...
क्या वह मरणोपरांत बोझ बनना चाहेगा ? फिर मृत्युभोज क्यूँ ? क्या वह मरणोपरांत बोझ बनना चाहेगा ? फिर मृत्युभोज क्यूँ ?