सूरी ने कहा, "यह सही है," जब मैं सो गया तो मैंने अपनी राय दी।" सूरी ने कहा, "यह सही है," जब मैं सो गया तो मैंने अपनी राय दी।"
मैंने खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है थोड़ी सी वाह वाही के चक्कर में। मैंने खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है थोड़ी सी वाह वाही के चक्कर में।
कथाकार को लगा कि वह किससे बातें कर रहा है.... कहीं यह मेरा अक्स तो नहीं...! कथाकार को लगा कि वह किससे बातें कर रहा है.... कहीं यह मेरा अक्स तो नहीं...!
लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
मेरे दिल में जो उसके बारे में राय थी वो तो कब की बदल गई थी। मेरे दिल में जो उसके बारे में राय थी वो तो कब की बदल गई थी।
पर मेरे भी तो पापा नहीं अब फिर भगवान जी ने मेरे पापा को उस गुड़िया के पापा क्यों बनाया पर मेरे भी तो पापा नहीं अब फिर भगवान जी ने मेरे पापा को उस गुड़िया के पापा क्यों...