लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
बस इन्हीं अनमोल यादों से याद आते हैं वो हॉस्टल के दोस्त हमारे। बस इन्हीं अनमोल यादों से याद आते हैं वो हॉस्टल के दोस्त हमारे।
मेरे दिल में जो उसके बारे में राय थी वो तो कब की बदल गई थी। मेरे दिल में जो उसके बारे में राय थी वो तो कब की बदल गई थी।