लेखक : निकलाय नोसव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : निकलाय नोसव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
शक्ति उस अनजान हमलावर को इतने समय तक नहीं पकड़ पाने की वजह से चिंतित थी शक्ति उस अनजान हमलावर को इतने समय तक नहीं पकड़ पाने की वजह से चिंतित थी
ख़ैर पुरोहित जी का आज का इस प्रकार का व्यवहार समझ में नहीं आया था ख़ैर पुरोहित जी का आज का इस प्रकार का व्यवहार समझ में नहीं आया था
मुझे उसके एक आध ठिकाने के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है।" मुझे उसके एक आध ठिकाने के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है।"
सभी चले जाते हैं,नुसरत हल्की सी मुस्कुराहट लिए वही खड़ी रहती है। सभी चले जाते हैं,नुसरत हल्की सी मुस्कुराहट लिए वही खड़ी रहती है।
यदि रावण मरा नहीं है तो राम भी नहीं मर सकते। यदि रावण मरा नहीं है तो राम भी नहीं मर सकते।