लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
ख़ैर पुरोहित जी का आज का इस प्रकार का व्यवहार समझ में नहीं आया था ख़ैर पुरोहित जी का आज का इस प्रकार का व्यवहार समझ में नहीं आया था