नीरव शीशे के आगे झूठ नहीं बोल सका कि यह सारे शेर उसने अपने घर से निकाले गये नौकर के कम नीरव शीशे के आगे झूठ नहीं बोल सका कि यह सारे शेर उसने अपने घर से निकाले गये नौकर...
मैं तो किसी कक्षा में नहीं पढ़ा मैं तो किसी कक्षा में नहीं पढ़ा
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
मयंक वहाँ से जा चुका था और अंजलि फिर से खुद को आईने में निहार रही थी मयंक वहाँ से जा चुका था और अंजलि फिर से खुद को आईने में निहार रही थी
इस डर को दूर करने के लिए मैंने पिता जी का फार्मूला अपनाया इस डर को दूर करने के लिए मैंने पिता जी का फार्मूला अपनाया
किसी पुरुष को इस तरह रोते हुए देखकर राजगुरु बहुत भावुक हो गये किसी पुरुष को इस तरह रोते हुए देखकर राजगुरु बहुत भावुक हो गये