पर जब थोड़े से बड़े हुये तो आँखो का सूनापन पढ़ने लगे पर जब थोड़े से बड़े हुये तो आँखो का सूनापन पढ़ने लगे
सपना के पति मिलिंद को हर चीज अपनी जगह पर चाहिए होती थी सपना के पति मिलिंद को हर चीज अपनी जगह पर चाहिए होती थी
गौरी देवर की बात सुनकर चुपचाप अपने किताबों में मुँह छिपा कर रो लेती। गौरी देवर की बात सुनकर चुपचाप अपने किताबों में मुँह छिपा कर रो लेती।
उसकी हालत देख कर तरस आता था मुझे उस पर उसकी हालत देख कर तरस आता था मुझे उस पर
वह दौड़कर अंदर गया और फ्रिज का पानी लेकर वापस लौटा वह दौड़कर अंदर गया और फ्रिज का पानी लेकर वापस लौटा