जंगल के फूलों को भी चाह होती है बगियन की, पर हाथों में लकीर नहीं होती गद्दे की। जंगल के फूलों को भी चाह होती है बगियन की, पर हाथों में लकीर नहीं होती गद्दे की।
गौरी देवर की बात सुनकर चुपचाप अपने किताबों में मुँह छिपा कर रो लेती। गौरी देवर की बात सुनकर चुपचाप अपने किताबों में मुँह छिपा कर रो लेती।
जब दोनों घर से भाग जाते हैं तो उन्हें रास्ते में बसंती तांगेवाली मिलती है। जब दोनों घर से भाग जाते हैं तो उन्हें रास्ते में बसंती तांगेवाली मिलती है।
विद्यार्थियों की इसमें जिम्मेदारी और जन जागरूकता के बारे चर्चा करने की बात रखी। विद्यार्थियों की इसमें जिम्मेदारी और जन जागरूकता के बारे चर्चा करने की बात रखी।