किताबें ही किताबें थी और किताबों पर बहुत सी धूल जमी हुई थी किताबें ही किताबें थी और किताबों पर बहुत सी धूल जमी हुई थी
एक झन्नाटेदार थप्पड़ मेरे सर पर लगा एक झन्नाटेदार थप्पड़ मेरे सर पर लगा
हलक मे शब्दो के मजमे अटके है सबसे बहुत कुछ कहना है हलक मे शब्दो के मजमे अटके है सबसे बहुत कुछ कहना है
मेरे किस गुनाह की सजा है ये मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है मेरे किस गुनाह की सजा है ये मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है
वह उठी और सुबह निकालकर फेंके हुये कपड़े वापस अलमारी में करीने से लगाने लगी। वह उठी और सुबह निकालकर फेंके हुये कपड़े वापस अलमारी में करीने से लगाने लगी।
रात काफ़ी चढ़ चुकी थी। सुमित्रा अपनी स्मृति में बालपन से अब तक के समस्त चित्रों को। ... रात काफ़ी चढ़ चुकी थी। सुमित्रा अपनी स्मृति में बालपन से अब तक के समस्त चित्रों ...