"देखो मिलिंद, मैं कहे देती हूँ, आज तो तुम्हें मुझ पर कविता लिखनी ही होगी । "देखो मिलिंद, मैं कहे देती हूँ, आज तो तुम्हें मुझ पर कविता लिखनी ही होगी ।
भाईसाहब, पता नहीं आपको अफसर किसने बना दिया ? अरे, मैं विधाता की बात कर रहा हूं। भाईसाहब, पता नहीं आपको अफसर किसने बना दिया ? अरे, मैं विधाता की बात कर रहा हूं।
सखि, इतना भय किसका है ? कौन है वो जिससे तुम इतनी भयभीत हो सखि, इतना भय किसका है ? कौन है वो जिससे तुम इतनी भयभीत हो
घरेलू या यौन हिंसा आदि को चुपचाप सहना नहीं बल्कि काली बनकर उसका पुरजोर विरोध करना घरेलू या यौन हिंसा आदि को चुपचाप सहना नहीं बल्कि काली बनकर उसका पुरजोर विरोध करन...
मेजर अस्थाना के पर्सनलिटी से सभी प्रभावित होते हैं तथा सभी उसे सुनने को उत्सुक हैं। मेजर अस्थाना के पर्सनलिटी से सभी प्रभावित होते हैं तथा सभी उसे सुनने को उत्सुक ह...
चुपचाप एक कोने में जाकर बैठ गई। उस समय मैं इतना व्यथित थी कि मेरे आँसू रूकने का नाम ही नहीं ले रहे थ... चुपचाप एक कोने में जाकर बैठ गई। उस समय मैं इतना व्यथित थी कि मेरे आँसू रूकने का ...