टीस
टीस
कई सालों बाद 'माही' तुमसे नए शहर में अचानक से मुलाक़ात होना तुम में वही पुरानी माही को ढ़ूँढ़ना ,चुलबुली सी अपनी मस्ती में मस्त 'माही'
ये उन दिनों की बात थी जब मैं नई शादी होकर आई थी। तुम्हारा घराना उस शहर में बहुत इज़्ज़तदार घराना था, तुम्हारे पापा डिग्री कॉलेज के अंग्रेजी के प्रोफेसर थे। हमारे ससुराल वालों का तुम्हारे यहाँ ख़ूब आना-जाना था।
तुमने एम.एस.सी .के बाद एम.फिल भी किया था। मगर ये क्या आज मार्केट में एक अलग ही माही को देख कर मैं सन्न रह गई, बेहद क़ाबिल लड़की को किस रूप में देख रही हूँ मैं ?
हम उस शहर में ट्रांसफर हो कर आए थे, जहाँ तुम अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती थी, उस दिन मैंने डरी, सहमी सी माही को देखा।
शादी के वक़्त तुम ने कितने ख़्वाबों को संजोया था। मगर जब थोड़ा तुम्हारे बारे में जानने का मौका मिला तो ये सब सामने आया।
तुम्हारे पति ने शादी की पहली रात के बाद ही सब के सामने तुम्हें ये कह कर ठुकरा दिया कि मेरी शादी इतनी बदसूरत लड़की से कर दी ,
ज़िन्दगी जब सीधे ही मुठभेड़ को खड़ी हो जाए तो मौन मदद नहीं करता। तुम्हारा मौन ही तुम्हें धरातल में ले गया.....।
असल बात तो ये थी अपने अहम,व प्रभुत्व को संतुष्ट करने की ख़ातिर या हीनभावना के रूप में
पढ़ाई में उससे कई गुणा ज़्यादा और ऊँचे घराने की लड़की थी, ये सब क्वालिटी देख कर बोखला गया। अपने अहम और प्रभुत्व को संतुष्ट करने के लिए तुम्हें सिरे से नकारा और तुम्हारा आत्मविश्वास हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया.....।