Laxmi Dixit

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शिक्षक दिवस पर एक खुला पत्र

शिक्षक दिवस पर एक खुला पत्र

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आदरणीय शिक्षकगण,


बहुत दिनोंं से आपका कोई समाचार नहीं मिला इसलिए यह पत्र लिख रहा हूं। आशा करता हूं आप सब राजी खुशी से होंगे। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण सावधानी बरतते हुए, छात्रों केे स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। ताकि मेरेेे परिसर में पढ़ने वाले व पढ़ाने वाले छात्र-छात्राएं एवंं गुरु जन घर में रहकर स्वस्थ रहें एवं सुरक्षित रहे।


इस शिक्षण सत्र में छात्रों की पढ़ाई में कोई रुकावट ना आ जाए और बच्चे पठन-पाठन से दूर ना हो जाए इसलिए मैंने अपने प्रशासन को पहलेे ही आदेश दे दिया था कि आपकेे द्वारा ओनलाइन पढ़ाई जारी रखें। उम्मीद है आप कक्षाएं नियमित रूप से ले रहे होंगे और बच्चोंं को उनके उज्ज्वल भविष्य को सवारनेेेे में पूरे जोश और उत्साह से अपने कर्तव्य का पालन कर रहे होंगे। 


आज 5 सितंबर, को 'शिक्षक दिवस' के अवसर पर मैं आप सबको 'बधाई देता हूं' और शिक्षा के क्षेत्र में आपके अविस्मरणीय योगदान के लिए आपकी भूरी-भूरी प्रशंसा करता हूं। मेरा आंगन बच्चों की किलकारियों और शोरगुल से सदा आबाद रहा करता था। जब कोई बच्चा फिसलन पट्टी सेेे नीचे उतरता था तो उसके चेहरे के रोमांच को देखकर मुझे मेरा बचपन याद आ जाता था। जब कोई बच्चा् शि-शॉ पर बैठकर तराजूू के पलड़ों की तरह ऊपर नीचें होते थे तो मैं अपनी बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता को अपने मन की तराजू मैं डाल कर इस बात का आकलन करने का प्रयास करता था कि क्या मैं अपने परिसर में विद्यमान इन नन्हें पौधों के भविष्य को ध्यान में रखकर उनका मार्गदर्शन कर पा रहा हूं।


सुबह की प्रार्थना के लिए आप सब बच्चों को कैसे सीधी लाइन में खड़ा करके प्रार्थना का संचालन करते थे। इसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा। आखिर इसी के द्वारा तो आपनेे बच्चोंं के मन में ईश्वरद्वारा दी गई हर चीज का अभिवादन करना सिखाया है। पीटी कक्षाओं में आप कैसे बच्चोंं के मन में अनुशासन के बीज़ बोते हैं, मैंने यह सब देखा है। यही अनुशासन तो बच्चों को एक अनुशासित नागरिक बनने में मदद करेगा। जो देेश को ऊर्जावान और संयमित नागरिक देगा और तो और यहि अनुशासन और कसरत इन्हें निरोगी और स्वस्थ काया बनाए रखने में मदद करेगा।


बच्चों की संगीत कक्षाओं में जब आप बच्चों को सरगम का सही अभ्यास कराने में कितनी मेहनत करते हैं यह देखकर मेरा मन भी गुनगुनाने को करता है। जब आप बच्चों को हरमोनियम पर एक-एक उंगली पकड़कर हारमोनियम की कीज़ पर रखना सिखाते हैं तो मेरा मन भी संगीत सीखने को कितनी ही बार कर चुका है। बच्चों को तबला सिखाने के लिए जब आप उनकेेेेे साथ संगत देते हैं तो मेरे पांंव भी तबले की थाप पर थिरकने लगते हैं।


बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उनको व उनके अभिभावकों को घर का भोजन ही बच्चों के टिफिन बॉक्स में देने के लिए आग्रह करना आपका बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता को दर्शाता है। और नन्हे बच्चों के साथ मदर टीचर्स का बैठकर लंच करना मुझे अभीभूत कर देता है।


मैंने अपने बास्केटबॉल ट्रैक पर आपको बच्चों को कभी बास्केटबॉल की प्रारंभिक शिक्षा के रूप में बॉल को बाउंस कराना सिखाते देखा तो कभी बॉल को बास्केट में डालना। और बॉल से गोल् हो जाने पर बच्चोंं की आंखों की चमक को देखकर मुझे भी यकीन हो जाता है कि मेरे देश का भविष्य सचमुच उज्जवल है।


मैंनेे आपको बच्चों को ए, बी, सी, डी और अ, आ से लेकर फिजिकस, मैथ्स के कॉन्प्लेक्स फार्मूले पढ़ाते देखा है। और यह देेेेेेख कर मुझे हर पल लगा है की मानव जीवन कैसे एक कोपल से शुरू होकर घने वृक्ष का रूप ले लेता है। मैंने आपको सॉल्वेंट और सॉल्यूट का अंतर सिखाते देखा है और ऑस्मोसिस का प्रेशर बच्चों के दिमाग पर ना पड़े इसलिए पूरी प्रक्रिया को एक आलू के माध्यम से समझाते देखा है। मैंंने आपको अपने गार्डन में लगे पौधों की विशेषताएं बताते देखा है। मैंने देखा है आप कैसे बच्चों को पौधे रोपने और उनकी देखभाल करने की प्रेरणा देते हैं। मैं समझता हूं आप पर्यावरण को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बच्चों को कैसे प्रोत्साहित करते हैं और तो और इन सब के द्वारा आप बच्चों को सहज ही बॉटनी का ज्ञान दे देते है। मैंने आपको कंप्यूटर की शिक्षा द्वारा बच्चों को आने वाले समय के लिए तैयार करते देखा है।


मैंने आपको नाटकों के मंचन के द्वारा बच्चों को इतिहास पढ़ाते देखा है। मैंने देखा है आपने कैसे 'वरदान' उपन्यास के द्वारा बच्चों को सिखाया है कि ईश्वर से हमें वरदान भी सोच समझकर मांगना चाहिए। 'मर्चेंट ऑफ वेनिस' पढ़ाते समय मैंने आपको बच्चों को यह सिखाते देखा है कि न्याय को पाने के लिए तर्क शक्ति को मजबूत करना होगा। मैंने देखा है आपको 'ग्रेट एक्सपेक्टेशन' नॉवेल पढ़ाते समय जब बच्चे बोर होने लगते हैं तो आप अंकल पंबल चुप के किरदारद्वारा बच्चों को हंसाते है।


इस देश की भावी पीढ़ी का शिक्षाद्वारा मस्तिष्क के विभिन्न कोनों को प्रकाशित करते, अनुशासन में रखकर एक जिम्मे़दार नागरिक बनाते, खेलकूदद्वारा उनकी काया को सुगठित और निरोगी बनाने देखा है। हां, मैंने देखा है आपको इस देश का भविष्य बनाते और यह सब देखकर मेरे मन की दीवारों में जाने कितनी बार आपको तालियां बजाकर धन्यवाद दिया होगा। आपको, इस 'शिक्षक दिवस' पर आपकी सेवाओं के लिए आपको गर्व के साथ 'बधाई देता हूूं'।


आशा करता हूंं आप कोरोना काल में भी अपने कर्तव्य का निर्वाह पूरे जोश और उत्साह से कर रहे होंगे और न्यू नॉर्मल फॉलो करते हुए अपनी और अपनों की सुरक्षा का ध्यान रख रहे होंगे।


स्टे हेल्दी स्टेे सेफ़ 

आपका प्रिय 'स्कूल'


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