कभी खुशी कभी ग़म
कभी खुशी कभी ग़म
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लॉक डाउन के इस समय में आपकी जिंदगी अच्छी चल रही होगी।
बिना लॉक डाउन भी जिंदगी अच्छी ही चलनी चाहिए। वैसे सभी को पता है जिंदगी एक जंग है , जब तक हम दबंग नहीं है। कभी खुशी कभी ग़म जिंदगी का एक हिस्सा है।
हर किसी को बिना किसी तनाव और परेशानी के जिंदगी जीनी चाहिए। क्योंकि ज्यादा खुशी का मोह आपको दुःख में जीने को तकलीफ़ देता है और ज्यादा ग़म आपको खुशी महसूस ही नहीं करने देता है।
लेकिन बिना खुशी के मोह के जीयेंगे तो ग़म का कोई भी कतरा आपको दुखी नहीं कर सकता है और न ही ग़म आपकी खुशी को टाल सकता है।
अपने तरीके से जीना सीखो अपनी जिंदगी।
खुद को इतना हक होना चाहिए कि आपके खुद के जीवन में बदलाव लाना है तो खुद अपनी चाहत से लाये न कि दुनिया के तानों से आपको बदलना पड़े।
वरना बेबस दुनियाँ आपकी कमजोरी बन जाएगी। जिंदगी एक आदत बन जाएगी मौत की बस चाहत होगी जिंदगी गले का कांटा बन जाएगी।
हर कोई बादशाह होता है अपने जन्म पर लेकिन जिंदगी का एक एक पल उसे इस गुलामी में गुजारने पड़ते है कि बादशाही अपने ही सपने के साथ रौंद दी जाती है।
एक इंसान जन्म लेता है, रफ्ता रफ्ता उसकी जिंदगी चलने लगती है। विद्यास्थल में उसका बचपन गुजरता हैं और धीरे धीरे जवानी का एक फोड़ा उत्पन्न होने लगता है
और अब शुरू होता है जिंदगी का एक कड़ा और विशेष इम्तिहान जहाँ से गुजरना जरूरी भी हैं और कठिन भी।
एक तरफ प्यार, दूसरी तरफ करियर। हसीनाओं का मेला जिसमें हर कोई खो सा गया हैं।
प्यार में हर कोई पागल सा हो गया है। दिल दे दिया है कोई धोखा दे रहा है। कोई दिल के साथ खेल रहा है। ये सब एक सोच बनकर रह गई है।
जिंदगी की असली रेस तो बचपन से जवानी मस्ती में और जवानी उबालनी पड़ती है सस्ती में। तब जाकर एक व्यवस्थित तजुर्बे की जिंदगीं जीने को मिलती है।
रसाला इस जिंदगी का एक उसूल है जिसको भी कुछ दुःख सुनाओ हँसी के अलावा कुछ नहीं देता है। और जो हमदर्दी दिखाता है तब शायद आपको पीछे से तोड़ना चाहता हो।
मैं कहता हूँ - वक्त की कद्र कर ऐ मुसाफिर जिनके पास होता है वो बर्बाद कर देते है और जिनके पास नहीं होता हैं वक्त उन्हें बर्बाद कर देता हैं।