हम , मेघना , धर्मपत्नी और ?
हम , मेघना , धर्मपत्नी और ?
जब हम 8वीं में पढ़ते थे तो हमारी कक्षा में हमारे साथ पढ़ती थी मेघना बहुत ही खूबसूरत थी वह।हमारी पूरी कक्षा क्या पूरे विद्यालय में उससे सुन्दर कोई नहीं था।बहुत इच्छा होती थी की उससे बात कर लें।पर कभी हिम्मत नहीं हुई।वैसे भी उसमे और हम मेँ जमीन आसमान का अंतर था।वो इतनी सूंदर, सलीकेवाली और हम लापरवाह और बेडभ।वो कक्षा में प्रथम आती थी और हम बड़ी मुश्किल से पास होते थे ।वो सभी अध्यापिकाओ की चहेती और हम हर पीरियड में सिर्फ डांट खाते थे ।वो वाद विवाद आदि सभी गतिविधियों में भाग लेती और हम कभी किसी में भी नहीं।शायद एकआध बार उसने हम से नजर मिलायी भी हो पर ऐसा जब भी हुआ होगा हम ने झट से नजर चुरा ही ली होगी।बहुत सालों तक कभी कभी सोचते रहे थे,की क्या हो जाता अगर उससे हिम्मत कर बात कर ही लेतेकोई आसमान तो नहीं टूट पड़ता ना !पर साहब हमारा जमाना ही कुछ और था तब किसी लड़की से बात कर लेना बहुत बड़ी बात होती थी।हमें आज तक याद है जब हमने अपनी धर्मपत्नी से मेघना का जिक्र किया था।बहुत देर तक हंसती रही थीहमें लगा ये कंही किसी दिमागी शॉक में तो नहीं चली गई
हमने बहुत ही झिझकते हुए पूछा था "सुनो जी तुम्हें बुरा तो नहीं लगा "तो बोली "नहीं जी इसमें बुरा क्या मानना !आप तो बड़े भोले थे।और कितने डरपोक भी ! किसी से बात करने में क्या जाता है ?आप को मेघना से खूब बात करनी चाहिए थी। हम तो अपनी कक्षा के गिरीश, महेंद्र , सुनील, कमल, शेखर सब से खूब बातें करते थे। बड़ा मजा आता था। ."इनकी बात सुनकर सच में बड़ी मायूसी हुयीहम एक लड़की से भी बात नहीं कर पाए और धर्मपत्नी जी ने अपनी कक्षा के इतने सारे लड़कों से कर ली।वैसे धर्मपत्नी जी हौसले वाली तो हैं। ये बात तो हम भी जानते और मानते हैं।फिर भी पता नहीं ये हमारा और इनका जमाना इतना अलग अलग कैसे हो गया! हैं तो हम दोनों ही हम उम्र !सच कह रहे हैं.रात भर नींद नहीं आयी
सोचते रहे की हमें धर्मपत्नी से मिलते ही बेहद प्यार हो गया था,तो इन सब लड़कों में से न जाने कितनो को भी तो हुआ ही हुआ होगा।करवटें बदलते -बदलते रात बीती।सुबह नींद पूरी न होने से चिड़चिड़ाहट हो रही थी.धर्मपत्नी जी ने बड़ी मासूमियत और प्यार से पुछा "क्यों जी तबियत ठीक नहीं है क्या "सच्ची कहें तो हमें ऐसा लगा मनो हमारे जख्मों पर नमक छिड़क रही हों.फिर बड़ी रहस्य्मय आवाज में बोली "जी आप को याद तो है न की हम कौन से स्कूल में पढ़ते थे ?"अचानक ध्यान आया की ये हमेशा की तरह हमारी खिंचाई कर रही थी ।हमें बुद्धू बना रहीं थी और हमसे चुहुल कर रहीं थी।
धर्मपत्नी जी तो तो गर्ल्स स्कूल और गर्ल्स कॉलेज में पढ़ी हैं जंहा कोई गिरीश, महेंद्र , सुनील, कमल या शेखर दाखिल ही नहीं हो सकते थे !सच कहें तो ये याद आने पर हमें इतना सुकून और चैन मिला की बस पूछिए ही मत !फिर क्या हम चैन से रजाई खींच कर सो गए बिलकुल निश्चिन्त हो करअच्छा ही हुआ जो हमने मेघना से कभी बात नहीं कीबात की तो सीधे धर्मपत्नी जी से और फिर बातें करते करते उनके साथ ७ फेरे भी ले डाले।हमारे लिए तो ये ही बिलकुल फिट हैं जी !बिलकुल शैतान की नानी ; और हमारे घर की रानी !