सोचता ज्यादा हूँ बोलता कम हूँ मैं। खुद से कहीं अकेला पड़ गया हूँ मैं।। सोचता ज्यादा हूँ बोलता कम हूँ मैं। खुद से कहीं अकेला पड़ गया हूँ मैं।।
जिन लोगों से हम कतराते थे उनका साथ तस्लीम किया जिन लोगों से हम कतराते थे उनका साथ तस्लीम किया