चारों और अकड़ की ऊँचाई कहीं। चारों और अकड़ की ऊँचाई कहीं।
मुलम्मा चढ़ा ग़ुरूर का मग़रूर से सराबोर थे. मुलम्मा चढ़ा ग़ुरूर का मग़रूर से सराबोर थे.
अपनी हस्ती पर नाज़ था, दौलत पे ग़ुरूर; जो भी तकब्बुर था सब चकनाचूर हुआ है ! अपनी हस्ती पर नाज़ था, दौलत पे ग़ुरूर; जो भी तकब्बुर था सब चकनाचूर हुआ है !
ये उंचे पहाडों के मगरूर साये ये कहते उनको नजर तो मिलाये। ये उंचे पहाडों के मगरूर साये ये कहते उनको नजर तो मिलाये।
जिन लोगों से हम कतराते थे उनका साथ तस्लीम किया जिन लोगों से हम कतराते थे उनका साथ तस्लीम किया