और उस पर भी ज़िंदा रहने के लिए इन्हें चाहिये... और उस पर भी ज़िंदा रहने के लिए इन्हें चाहिये...
हिक़ारत अपने आशिक़ की नहीं माशूक़ को भाती 'बयाँ' सई अपनी रुसवाई में ता मक़दूर मत कीजो हिक़ारत अपने आशिक़ की नहीं माशूक़ को भाती 'बयाँ' सई अपनी रुसवाई में ता मक़दूर म...
दर्द अपने गुलिस्तां में बसंत का कोई मौसम नहीं होने देता दर्द अपने गुलिस्तां में बसंत का कोई मौसम नहीं होने देता
हाल तो उसका कोई क्या पूछता हिकारत भरी नजर और कुछ कटु शब्द हाल तो उसका कोई क्या पूछता हिकारत भरी नजर और कुछ कटु शब्द