ज़िन्दगी ठहर सी जाती है ज़िन्दगी ठहर सी जाती है
क़िस्मत न थी मेरी ऐसी। क़िस्मत न है मेरी ऐसी। पका भोजन परोसा मिल जाए, समय पे क्षुधा आग बुझ जाए। ... क़िस्मत न थी मेरी ऐसी। क़िस्मत न है मेरी ऐसी। पका भोजन परोसा मिल जाए, समय पे ...
हर रोज चुपके से भोर की बयार कानों में कुछ कह जाती है खुशबू उसकी सारा दिन महका जाती है। एक दिन म... हर रोज चुपके से भोर की बयार कानों में कुछ कह जाती है खुशबू उसकी सारा दिन महका...