जब भी मैंने कोई शहर छोड़ा छूट गयी पीछे बहुत सी चीजें जब भी मैंने कोई शहर छोड़ा छूट गयी पीछे बहुत सी चीजें
बीती यादों की किताब में नए सुखद किस्से लिखूँगी। बीती यादों की किताब में नए सुखद किस्से लिखूँगी।
हर रोज चुपके से भोर की बयार कानों में कुछ कह जाती है खुशबू उसकी सारा दिन महका जाती है। एक दिन म... हर रोज चुपके से भोर की बयार कानों में कुछ कह जाती है खुशबू उसकी सारा दिन महका...
यह फूल फूल नहीं है हमारे लिए बहुत कुछ हैं। यह फूल फूल नहीं है हमारे लिए बहुत कुछ हैं।
कब बनता है एक प्यारा सा गीत तुम्हारा और मेरा अपना। कब बनता है एक प्यारा सा गीत तुम्हारा और मेरा अपना।
क्योंकि आया बसंत है। क्योंकि आया बसंत है।