मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा। मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा।
आज भी याद आती है तुम्हारी वो फिकी सी मुस्कान और खामोश निग़ाहों से उठते सवाल ! आज भी याद आती है तुम्हारी वो फिकी सी मुस्कान और खामोश निग़ाहों से उठते सवाल !
निशा के बाद ऊषा का आगमन निश्चित होगा। निशा के बाद ऊषा का आगमन निश्चित होगा।
पन्ना बदलते ही बचपन दिखा पुराने दोस्त मिले पन्ना बदलते ही बचपन दिखा पुराने दोस्त मिले
मैं स्त्री हूँ और सबका सम्मान रखना जानती हूँ मैं स्त्री हूँ और सबका सम्मान रखना जानती हूँ
शायद फिर मिलेगा जवाब उन सवालों का कि सीता की अग्नि-परीक्षा होगी कब तक। शायद फिर मिलेगा जवाब उन सवालों का कि सीता की अग्नि-परीक्षा होगी कब तक।