आज फिर हाथ में क़लम आया बहुत कुछ लिखा वो सब लिखा जो मन आया आज फिर हाथ में क़लम आया बहुत कुछ लिखा वो सब लिखा जो मन आया
निकले नहीं घरों से हम, हर काम घरों से निपटाएं। जब बहुत जरूरी ही हो जाये, तब जाकर कहीं निकले नहीं घरों से हम, हर काम घरों से निपटाएं। जब बहुत जरूरी ही हो जाये, तब ज...
खतरों से आगे बढ़ना है, मंजिल तक पहुँचना है। खतरों से आगे बढ़ना है, मंजिल तक पहुँचना है।
और आगे चलकर वही व्यक्ति शानदार जीवन जीते हैं। और आगे चलकर वही व्यक्ति शानदार जीवन जीते हैं।
मुँह पर मीठी बोलते, दिल में रखते द्वेष। ये आस्तीन के साँप हैं, इनसे रहें सचेत।। मुँह पर मीठी बोलते, दिल में रखते द्वेष। ये आस्तीन के साँप हैं, इनसे रहें सचे...
बनके प्रहरी इस धरा की, प्राण अपने करूँ अर्पण। बनके प्रहरी इस धरा की, प्राण अपने करूँ अर्पण।