नर की नारायणी है मां सेवारत रहते जो, जीवन जाता संवर। नर की नारायणी है मां सेवारत रहते जो, जीवन जाता संवर।
तू गुनाह करके सोचता है तुझे देखा नहीं किसी ने? तू गुनाह करके सोचता है तुझे देखा नहीं किसी ने?
शहंशाह से गिद्ध तक शहंशाह से गिद्ध तक
तेरी औकात क्या है कहने वाले इतना मत इतरा तेरी औकात क्या है कहने वाले इतना मत इतरा
हर रोज़ मिलती है खुशगवार ज़िन्दगी यहां और, कल का बाकी, पूरा करने में, आज निकल जाती है। हर रोज़ मिलती है खुशगवार ज़िन्दगी यहां और, कल का बाकी, पूरा करने में, आज निकल ज...