मर कर भी देखना चाहता हूं वह चेहरा जो शरमाते हुए मुस्कराता था मर कर भी देखना चाहता हूं वह चेहरा जो शरमाते हुए मुस्कराता था
देहाती, गँवार मान अब तो माँ बाप के साथ कहीं आने जाने से भी कतराते हैं। देहाती, गँवार मान अब तो माँ बाप के साथ कहीं आने जाने से भी कतराते हैं।
अपने माँ बाप को भी निहित स्वार्थ वश मौत की ओर ढकेलने में भी नहीं शरमाते हो। अपने माँ बाप को भी निहित स्वार्थ वश मौत की ओर ढकेलने में भी नहीं शरमाते हो...