आंखों से लक्ष्य न ओझल हो, गिर कर उठने का साहस हो। आंखों से लक्ष्य न ओझल हो, गिर कर उठने का साहस हो।
अन्न हमारी शक्ति है, किसान की यह भक्ति है, अन्न हमारी शक्ति है, किसान की यह भक्ति है,
तू कभी अन्नपूर्णा तो कभी मरियम बनी । तू शक्ति ही नहीं ममता का दरिया भी है। तू कभी अन्नपूर्णा तो कभी मरियम बनी । तू शक्ति ही नहीं ममता का दरिया भी है।
देवी तू क्यों इतनी लाचार है तू अन्नपूर्णा, तू शारदा, तू पद्मावती, तू वीरांगना, तेरी कोख से जीवन... देवी तू क्यों इतनी लाचार है तू अन्नपूर्णा, तू शारदा, तू पद्मावती, तू वीरांगन...
एकांत /ध्यान और ज्ञान से..! नहीं तो भेज दो किसी दिव्य शक्ति वाले को...! एकांत /ध्यान और ज्ञान से..! नहीं तो भेज दो किसी दिव्य शक्ति वाले को...!