मिल गया सुपरमैन
मिल गया सुपरमैन
सुपर पावर क्या है
कौन समझ पाता है..?
सोचती हूँ काश,...
कहीं से मिल जाता मुझे सुपर पावर
या फिर...
खा पीकर बन जाऊँ मैं भी स्ट्रांग
करे जो अत्याचार निर्बल पर
तोड़ दूँ उसके हाथ पाँव
टूट पाऊं
दूँ अत्याचार करने
पहुँच जाती मैं जरूरतमंद के पास
झट से निराकरण कर देती उनके पीड़ा का
उनकी भूख और वस्तु विशेष्य का
उनकी शिक्षा का और लाचारी का..!
आ जाये जो दिव्य शक्तियाँ मुझमें
तो मैं लड़ती उनके तमाम समस्याओं के लिए ..!
काश..!
हे पिता..!
हे करुणामय..
ऐसी दिव्य शक्ति सबको देना
सब कर सके एक दूसरे की मदद
और...
जान सके एक दूजे कोi...!
एकांत /ध्यान और ज्ञान से..!
नहीं तो भेज दो किसी दिव्य शक्ति वाले को...!
