चांद- सूरज की खूबसूरती भी हमारी बूढ़ी आंखें आंक नहीं पाती हैं। चांद- सूरज की खूबसूरती भी हमारी बूढ़ी आंखें आंक नहीं पाती हैं।
मैं वो बर्फ़ हूं जो गली नहीं मैं तो रेत पर हूं लिखा गया मैं वो बर्फ़ हूं जो गली नहीं मैं तो रेत पर हूं लिखा गया
बच्चों के संग खिलखिलाना, आज फिर शुरू हो गयी है। लौट आई है रौनकें, स्कूल खुलने लगे हैं बच्चों के संग खिलखिलाना, आज फिर शुरू हो गयी है। लौट आई है रौनकें, स्कूल खु...