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Pooja Kalsariya

Others

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Pooja Kalsariya

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मैं तो अंतहीन उड़ान हूं...

मैं तो अंतहीन उड़ान हूं...

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मैं न मंदिरों का मुरीद हूं,

न ही मस्जिदों का हूं आशना मैं तो अंतहीन उड़ान हूं,

मुझे बंदिशों में न क़ैद कर..


कभी काफिलों में रहा नहीं, 

किसी कारवाँ में चला नहीं मुझे रास आई न रौनकें,

मुझे महफ़िलों में न कैद कर..


मैं वो आग हूं जो जली नहीं,

मैं वो बर्फ़ हूं जो गली नहीं मैं तो रेत पर हूं लिखा गया,

मुझे काग़ज़ों में न क़ैद कर..


किसी शर्त पर न जिया कभी,

मैं न जिंदगी का गुलाम हूं मेरी मौत होगी नज़ीर-सी,

मुझे हादसों में न कैद कर..


मैं तो अंतहीन उड़ान हूं । 



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