हां मैं थोड़ी ऐसी हूँ, तुम जैसा सोचो मैं वैसी हूँ! हां मैं थोड़ी ऐसी हूँ, तुम जैसा सोचो मैं वैसी हूँ!
कुछ ऐसा ही है प्रेम हमारा , तुम मेरे नहीं , मैं फिर भी तुम्हारा। कुछ ऐसा ही है प्रेम हमारा , तुम मेरे नहीं , मैं फिर भी तुम्हारा।
कालिख से मेरी तू जो टिका करें तो… कालिख से मेरी तू जो टिका करें तो…
तुम्हारी बेरुखियों से , रिश्ता कुछ खास हो गया है l तुम्हारी बेरुखियों से , रिश्ता कुछ खास हो गया है l
झूठ के खिलाफ आवाज उठाना चाहता हूँ, मैं अपने विचारों को आजादी देना चाहता हूँ। झूठ के खिलाफ आवाज उठाना चाहता हूँ, मैं अपने विचारों को आजादी देना चाहता हूँ।
कुछ रिश्ते अधिकार जताने और दिलाने को जरूरी होते हैं। कुछ रिश्ते अधिकार जताने और दिलाने को जरूरी होते हैं।