अब तो ना वो बचपन रहा ना वो ज़िन्दगी और ना वो शाम का पता चलता है! अब तो ना वो बचपन रहा ना वो ज़िन्दगी और ना वो शाम का पता चलता है!
न जाने कब ये दिल बेपरवाह बेफिक्र होता है न जाने कब ये दिल बेपरवाह बेफिक्र होता है
उड़ो परवाज़ ऐसी कोई सदा सुनाई न दे और चीखें ऐसी दुनिया की हर शय हिले उड़ो परवाज़ ऐसी कोई सदा सुनाई न दे और चीखें ऐसी दुनिया की हर शय हिले
तब हम बेफिक्र हुआ करते थे हाय हॉस्टल के दिन भी क्या दिन थे। तब हम बेफिक्र हुआ करते थे हाय हॉस्टल के दिन भी क्या दिन थे।
इसलिए भूलकर सब बातें इनकी, तुम बेफिक्री से जीना क्योंकि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का इसलिए भूलकर सब बातें इनकी, तुम बेफिक्री से जीना क्योंकि कुछ तो लोग कहेंगे, ल...
तेरे साये में जीता हूँ बेफ़िक्र तेरे साये में जीता हूँ बेफ़िक्र