जानते तो थे उसे, कई ज़माने से। बन के रह गये वो अब फ़साने से॥ जानते तो थे उसे, कई ज़माने से। बन के रह गये वो अब फ़साने से॥
आज संतप्त हृदय अनल, ये हिमशिला पिघलायेगी। या तेरे तुषार तमस तले, मेरी ज्योति बुझ जायेगी। आज संतप्त हृदय अनल, ये हिमशिला पिघलायेगी। या तेरे तुषार तमस तले, मेरी ज्योति बु...
अथाह जल है इसमें खारा.. बेहद खारा अथाह जल है इसमें खारा.. बेहद खारा
मेरे प्रीतम के चरणों में मेरी अंतरंग पीड़ा रख दी मेरे प्रीतम के चरणों में मेरी अंतरंग पीड़ा रख दी