ऐसा मुमकिन है कभी कि हर इंसान एक ही चेहरे से पहचाना जाए। ऐसा मुमकिन है कभी कि हर इंसान एक ही चेहरे से पहचाना जाए।
बहरूपिया भ्रष्टाचार दिख रहा चारों ओर है, धर्म कर्म का काम करते असल में ये चोर है. बहरूपिया भ्रष्टाचार दिख रहा चारों ओर है, धर्म कर्म का काम करते असल में ये चो...
राम रावण दोनों भीतर है, बेसब्र बने.. क्या पिरोना हे? राम रावण दोनों भीतर है, बेसब्र बने.. क्या पिरोना हे?
फिर भी इस जमाने में किसी को समझाना बेकार है फिर भी इस जमाने में किसी को समझाना बेकार है
I am deleting my poems I am deleting my poems