हर जगह ढूंढा तुझे जबकी तू बसा है मुझमें हाँ बरसो से फिर भी हर जगह ढूंढा तुझे जबकी तू बसा है मुझमें हाँ बरसो से फिर भी
अंजाम मोहब्बत का था इल्म पहले ही आरज़ू तो की मगर किया आगाज नहीं अंजाम मोहब्बत का था इल्म पहले ही आरज़ू तो की मगर किया आगाज नहीं
लोगो का मनोरंजन करते रहे और, लोग बस यही कहते, बजाओ ताली बजाओ ताली ! लोगो का मनोरंजन करते रहे और, लोग बस यही कहते, बजाओ ताली बजाओ ताली !
याद रहे कि कभी ताल्लुक हमारा भी था आपसे, तुम मानो या ना मानो। याद रहे कि कभी ताल्लुक हमारा भी था आपसे, तुम मानो या ना मानो।
कुछ उजड़े शहर देखे मैंने बंजर बागों में भी टहला थोड़ा कुछ उजड़े शहर देखे मैंने बंजर बागों में भी टहला थोड़ा
खुदा की नेमत, कुदरत की फनकार हो तुम लेखन की शैली,रूप का श्रृंगार हो तुम! खुदा की नेमत, कुदरत की फनकार हो तुम लेखन की शैली,रूप का श्रृंगार हो तुम!