मिले पढ़ने का सौभाग्य और समाज से असीम प्यार ! मिले पढ़ने का सौभाग्य और समाज से असीम प्यार !
सुबह सवेरे उठ जाती हो। ना जाने क्या गाती हो।। सुबह सवेरे उठ जाती हो। ना जाने क्या गाती हो।।
पन्ने पन्ने पर तुम्हारी मुस्कराहट भरी छवि उभर जाती थी। पन्ने पन्ने पर तुम्हारी मुस्कराहट भरी छवि उभर जाती थी।
बचने की कोई गुंजाइश ना थी बेबस थे बड़े। मेरे अल्फ़ाज़ ही मेरे खिलाफ जब दलील हो गए बचने की कोई गुंजाइश ना थी बेबस थे बड़े। मेरे अल्फ़ाज़ ही मेरे खिलाफ जब दलील हो ग...
पर उन सजा में भी जो मजा ढूंढ ले वही है मेरा सच्चा वाला यार पर उन सजा में भी जो मजा ढूंढ ले वही है मेरा सच्चा वाला यार
हर-घर-स्कूल" बनाने वाले अध्यापक सबसे आगे थे।। हर-घर-स्कूल" बनाने वाले अध्यापक सबसे आगे थे।।