रौशनी की चाह रौशनी की चाह
ग़र सत्य है तुम्हारा समर्पण, मेरे प्रति तो बिना किसी शर्त मुझे अपनाना होगा। ग़र सत्य है तुम्हारा समर्पण, मेरे प्रति तो बिना किसी शर्त मुझे अपनाना होगा।
भौतिकता चकाचौंध भागम भाग जीवन में जीवन मूल्यों का ह्रास। भौतिकता चकाचौंध भागम भाग जीवन में जीवन मूल्यों का ह्रास।
न हो जाना तुम आश्वासित...... न हो जाना तुम आश्वासित......
सबकुछ देखते हुए समझते हुए भी धृतराष्ट्र और गाँधारी। सबकुछ देखते हुए समझते हुए भी धृतराष्ट्र और गाँधारी।
क्या कभी तुमनें धरती को रोते हुए अम्बर के लिए देखा है। क्या कभी तुमनें धरती को रोते हुए अम्बर के लिए देखा है।