इतना ऐतबार कहाँ से आता था, यह हम कभी न बूूूझ पाये, अब हमारी झोली खाली है, हमसे भी तो कोई पूछता जाये.... इतना ऐतबार कहाँ से आता था, यह हम कभी न बूूूझ पाये, अब हमारी झोली खाली है, हमसे भ...
अब मैं पहले जैसे नहीं बदल चुकी हूँ मेरी जिंदगी में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है! अब मैं पहले जैसे नहीं बदल चुकी हूँ मेरी जिंदगी में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं ...
वो जानता है ऐबों को मेरे फिर वो नज़रंदाज़ करता है। वो जानता है ऐबों को मेरे फिर वो नज़रंदाज़ करता है।
मोबाइल की गिरफ्त में तुम हो, अब तुम्हारे हाथों से मैं शायद आज़ाद हूँ। मोबाइल की गिरफ्त में तुम हो, अब तुम्हारे हाथों से मैं शायद आज़ाद हूँ।