हां डर तो लगता है... डर लगता है भीड़ से. हां डर तो लगता है... डर लगता है भीड़ से.
रात के सन्नाटे में खौफ का साया हुआ-हुआ करता *शृंगाल भय को बढ़ाता आया। रात के सन्नाटे में खौफ का साया हुआ-हुआ करता *शृंगाल भय को बढ़ाता आया।
जहाँ झुकी पलकों के सायों तले और बेमन सी मुस्कान पर लोग रीझ जाते जहाँ झुकी पलकों के सायों तले और बेमन सी मुस्कान पर लोग रीझ जाते