आजादी को चली बहाने दीवानो की टोलियां हमने भी तो खेली है खून की होलियां। आजादी को चली बहाने दीवानो की टोलियां हमने भी तो खेली है खून की होलियां।
ख़ुश्क आँखों से किया खुद को खुद से जुदा फिर तेरे बिछड़ने पे ये आँखों में पानी क्या है ख़ुश्क आँखों से किया खुद को खुद से जुदा फिर तेरे बिछड़ने पे ये आँखों में पानी क्य...
रखती मसरुफ़ खुद को खवातीन घर के कामों में। रखती मसरुफ़ खुद को खवातीन घर के कामों में।
नैनों से कस कस कर वार करते हैं तिरछी मुस्कान से घातक प्रहार करते हैं नैनों से कस कस कर वार करते हैं तिरछी मुस्कान से घातक प्रहार करते हैं
प्यार के सपने बुनना चाहता हूं हर ग़म में तुम्हारा हाथ थामना चाहता हूं प्यार के सपने बुनना चाहता हूं हर ग़म में तुम्हारा हाथ थामना चाहता हूं