ऐसे मोहब्बत के आशिक के हम सताए हुए हैं। ऐसे मोहब्बत के आशिक के हम सताए हुए हैं।
खुद को वो खुदा समझने की भूल कर बैठे वक़्त की आँधियों में कौन ठहर पाता है। खुद को वो खुदा समझने की भूल कर बैठे वक़्त की आँधियों में कौन ठहर पाता है।
मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. लफ्ज़ों मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. ...
ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको । ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको ।
दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा। दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा।
क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ