मेरे दिल की दरारों में हर हाल रहते हो..... मेरे दिल की दरारों में हर हाल रहते हो.....
बदन में लपेटे पुराने चिथड़े, नंगे पैर फटी एड़ियाँ बदन में लपेटे पुराने चिथड़े, नंगे पैर फटी एड़ियाँ
दरकने लगी है ये उम्र भी बदलने लगे हैं अपने भी गांठें पड़ने लगी है रिश्तों में । दरकने लगी है ये उम्र भी बदलने लगे हैं अपने भी गांठें पड़ने लगी है रिश्तो...
एक सुन्दर सा घर होता हाँ एक प्यारा सा शायद ताजमहल होता एक सुन्दर सा घर होता हाँ एक प्यारा सा शायद ताजमहल होता
जलाए हैं खुद ने दीप जो राह में तूफानों के तो मांगे फिर हवाओं से बचने की रियायत कैसी ।। जलाए हैं खुद ने दीप जो राह में तूफानों के तो मांगे फिर हवाओं से बचने की रियाय...
एक कहानी मन में ही, मन से ही मन में दफ़न हुई। एक कहानी मन में ही, मन से ही मन में दफ़न हुई।