सब कुछ है पास, ये सांझ भी है शांत बस तुम नहीं हो पास। सब कुछ है पास, ये सांझ भी है शांत बस तुम नहीं हो पास।
क्या तुमने महसूस किया कभी वो डर जो डर के नाम से पैदा होता है! क्या तुमने महसूस किया कभी वो डर जो डर के नाम से पैदा होता है!
वैसे भी खिड़की के उस पार दुनिया बड़ी डरावनी थी! वैसे भी खिड़की के उस पार दुनिया बड़ी डरावनी थी!
हाथ पकड़ कर एक दूसरे का लंबी डोर जैसी हमारी पंक्ति। हाथ पकड़ कर एक दूसरे का लंबी डोर जैसी हमारी पंक्ति।
पर इस घटना ने दोनों के दिमाग पर गहरा असर किया है। पर इस घटना ने दोनों के दिमाग पर गहरा असर किया है।
आज उस बात को बीते हुए करीब दस साल गुज़र चुका है। आज उस बात को बीते हुए करीब दस साल गुज़र चुका है।