नाग़वार गर होगी बात मुल्क़ के हक़ में, ज़म्हूरियत पाठ देशभक्ति का पढ़ाती रहेंगी। नाग़वार गर होगी बात मुल्क़ के हक़ में, ज़म्हूरियत पाठ देशभक्ति का पढ़ाती रहेंगी।
अमन का पैगाम हूँ मैं या बुज़दिली की पहचान हूँ मैं या तवाज़ुन हूँ सियासत के ज़र्द और सब्ज़ रंगों में।।... अमन का पैगाम हूँ मैं या बुज़दिली की पहचान हूँ मैं या तवाज़ुन हूँ सियासत के ज़र्द...
कितना बजाते रहेंगे जिसका बीन, हरदम नकद पर नहीं रखें यकीन कितना बजाते रहेंगे जिसका बीन, हरदम नकद पर नहीं रखें यकीन
जब सत्ताकेंद्र मर्यादा से आगे बढता है तो उस वक्त उसे उसकी गलती का एहसास करा देना चाहिए... जब सत्ताकेंद्र मर्यादा से आगे बढता है तो उस वक्त उसे उसकी गलती का एहसास करा देना...