नाग़वार गर होगी बात मुल्क़ के हक़ में, ज़म्हूरियत पाठ देशभक्ति का पढ़ाती रहेंगी। नाग़वार गर होगी बात मुल्क़ के हक़ में, ज़म्हूरियत पाठ देशभक्ति का पढ़ाती रहेंगी।
घड़ी से अब कहाँ , कोई मुलाकात हो रही है, घड़ी से अब कहाँ , कोई मुलाकात हो रही है,
रात हो, दिन हो, या हो सुबह शाम ख़्याल में वही बात, आज फिर बीस तारीख़ है रात हो, दिन हो, या हो सुबह शाम ख़्याल में वही बात, आज फिर बीस तारीख़ है