छाता छाता
बली हो, हवन हो, अन्नकूट प्रसाद हो खुदा इनसे खुश हो, ये ज़रूरी तो नहीं। बली हो, हवन हो, अन्नकूट प्रसाद हो खुदा इनसे खुश हो, ये ज़रूरी तो नहीं।
किसी को याद नहीं रहता कि छाते कहाँ दुबके पड़े हैं। किसी को याद नहीं रहता कि छाते कहाँ दुबके पड़े हैं।
छाता "बारिश"नहीं रोक सकता परन्तु "बारिश" में खड़े रहने का हौसला देता है। छाता "बारिश"नहीं रोक सकता परन्तु "बारिश" में खड़े रहने का हौसला देता है।
जब मानव मानव बन जाए, मन बसंत तब छाता है। जब मानव मानव बन जाए, मन बसंत तब छाता है।
'ग़ुस्सैल मास्टर की तरह न गरजना, न गड़गड़ाना, न घुमड़ घुमड़ के डरा अचानक ही बस ज़ोर से बरस जाना।' मु... 'ग़ुस्सैल मास्टर की तरह न गरजना, न गड़गड़ाना, न घुमड़ घुमड़ के डरा अचानक ही बस ज...