दिया तो था आपने फल-फूल, मैं पका के खाने लगा, अब चूल्हा-गैस हुई महंगी, तो आँसु बहाने लगा! दिया तो था आपने फल-फूल, मैं पका के खाने लगा, अब चूल्हा-गैस हुई महंगी, तो आँसु...
व्यथित मन चूल्हा फूंकने में पड़ा है , जलती हुई लकड़ी धुएं के गुबार से निकले आसुओं व्यथित मन चूल्हा फूंकने में पड़ा है , जलती हुई लकड़ी धुएं के गुबार से ...
मुझे वह गाँव का अलमस्त जीवन याद आता है। मुझे वह गाँव का अलमस्त जीवन याद आता है।
आज़ कविता नहीं बनेगी पाठशाला से फटे गंदे कपड़े में लपेटा सूखी ऑंखें सूखा पेट.. माँ ने ढक... आज़ कविता नहीं बनेगी पाठशाला से फटे गंदे कपड़े में लपेटा सूखी ऑंखें सूखा...
सबकी दादी ससुराल पीहर में कहीं ना आजादी। सबकी दादी ससुराल पीहर में कहीं ना आजादी।
कल रात अचानक सपने में मैंने देखा तुझे अपने संग। कल रात अचानक सपने में मैंने देखा तुझे अपने संग।