तू ढाले जा स्वाद सब ,नशा न होवे मंद.. तू ढाले जा स्वाद सब ,नशा न होवे मंद..
हमसफर बनके कली कोई मुस्कुरा करके, मेरे अनजान सफर में बहारें लाई। हमसफर बनके कली कोई मुस्कुरा करके, मेरे अनजान सफर में बहारें लाई।
तुम्हें अपने भंडार के बीच अक्सर किसने नहीं देखा है ? जिन्होंने भी तुम्हें कहीं तुम्हें अपने भंडार के बीच अक्सर किसने नहीं देखा है ? जिन्होंने भी तुम्हें ...
संतोषी आदमी की भूख चींटी से छोटी होती है। संतोषी आदमी की भूख चींटी से छोटी होती है।
नागफनी के फूल में भरती उन महकती फ़िज़ाओं में चले आना। नागफनी के फूल में भरती उन महकती फ़िज़ाओं में चले आना।
तुम्हारी दुनिया में मिलने की। तुम्हारी दुनिया में मिलने की।