तरह-तरह की बोतलें
तरह-तरह की बोतलें
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तरह-तरह की बोतलें,पर इनका क्या काम .
साकी भर दे जाम तू ,छक जाए यह शाम ..
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अलग-अलग हैं बोतलें,अलग-अलग हैं गंध .
तू ढाले जा स्वाद सब ,नशा न होवे मंद..